दिलों में बस जाये वो मोहब्बत हूँ,
कभी बहन , तो कभी ममता की मूरत हूँ ।
मेरे अंचल में है चाँद - सितारे,
माँ की कदमों में बसी एक जन्नत हूँ ।
हर दर्द और ग़म को छुपा लिया सीने में,
लब पे ना आये वो हसरत हूँ ।
मेरे होने से ही है, ये कायनात जवान,
ज़िन्दगी की बेहद हसीन हकीकत हूँ ।
हर रूप में ढल कर सवर जाऊं,
सब्र की मिसाल, हर रिश्ते की ताकत हूँ ।
अपने होसले से तक़दीर को बदल दूँ,
मिटा दूँ हर आशंकाये मन की ।
कदम से कदम मिलाकर चसलने तो दो मुझको,
सुन लो ऐ दुनिया, सुन ले में एक औरत हूँ ।।
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